सावधान! SAARC Quota में एडमिशन के नाम पर हो रही ये धोखाधड़ी

Team JagVimal 02 Mar 2023 1533 views
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कई ऐसे कंसल्टेंट्स हैं, जो मार्क्सशीट में एडिटिंग करके चीन और बांग्लादेश जैसे कई देशों में भारतीय स्टूडेंट्स का एडमिशन करवा दे रहे हैं। ऐसा करना खतरे से खाली नहीं है। साथ ही यह गलत भी है। इसकी वजह से स्टूडेंट्स को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। हमने पहले भी स्टूडेंट्स को इसके बारे में ब्लॉग्स और वीडियोज के जरिए आगाह किया था। आखिरकार जिसका डर था, वही चीज हो चुकी है, क्योंकि SAARC Quota के अंतर्गत कंसल्टेंट्स ने जो स्टूडेंट्स के डॉक्युमेंट्स को एडिट किया था और उन्हें ऐडमिशन दिलवा दिया था, उसकी भारतीय दूतावास की तरफ से जांच की गई है। इस जांच में बहुत से स्टूडेंट्स के डॉक्युमेंट्स एडिट किये हुए मिले हैं और इन सभी के डाक्यूमेंट्स को भारतीय दूतावास ने उन देशों की अथॉरिटीज को भेज दिया है, जहां वे मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।

fraud in mbbs admission

भारतीय दूतावास ने भेजी जानकारी

साथ में भारतीय दूतावास ने यह भी बताया है कि इन स्टूडेंट्स की ओरिजिनल मार्क्सशीट में कितने नंबर थे और इसे किस तरह से बढ़ाया गया है। कई स्टूडेंट्स ने यह भी किया था कि यदि वे कश्मीर से नाता रखते हैं, तो उन्होंने तेलंगाना से 12वीं की पढ़ाई कर ली थी और वहां 98-99 नंबर सभी विषयों में उन्होंने स्कोर कर लिये थे। तो इस तरह से जो उन्होंने तेलंगाना की मार्क्सशीट या फिर किसी भी बोर्ड की मार्क्सशीट लगाई थी, जांच में पाया गया कि कई के बोर्ड ही फेक हैं।

सामने आ रहे आंकड़े

डिटेल्स के मुताबिक अभी तक 2019 के आंकड़े सामने आए हैं। साथ ही वर्ष 2020 और 2021 की भी डिटेल्स सामने आने बाकी है, जिसमें इस तरह के बहुत से स्टूडेंट्स और कंसल्टेंट्स के बारे में भी जानकारी सामने आ सकती है। वास्तव में देखा जाए तो इसकी वजह से कंसल्टेंट्स को तो कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन भारतीय स्टूडेंट्स को इसकी वजह से बड़ी परेशानी झेलनी पड़ सकती है। अब देखना यह होगा कि स्टूडेंट्स के खिलाफ इन मामलों में क्या कार्रवाई की जाती है। उनसे अलग से फीस जमा करने को कहा जाता है या फिर उनके खिलाफ कोई क्रिमिनल केस दर्ज किया जाता है या फिर उनकी पढ़ाई को बीच में ही रोक दिया जाता है। यह तो आने वाले कुछ दिनों में ही साफ हो पाएगा।

स्टूडेंट्स भुगतेंगे खामियाजा

फिर भी हम यही उम्मीद करते हैं कि भारतीय दूतावास ऐसा कुछ भी नहीं करेगा, जिससे कि भारतीय स्टूडेंट्स का भविष्य प्रभावित हो। वास्तव में इस मामले में उन कंसल्टेंट्स के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने कि यह गलत काम किया है। उनकी गलती की सजा स्टूडेंट्स भुगत रहे हैं। इन्हीं कंसल्टेंट्स ने स्टूडेंट्स को सार्क कोटा में एडमिशन दिलाने का वादा किया था। इसके नाम पर उन्होंने स्टूडेंट्स के पैरेंट्स से कम-से-कम 5 से 7 लाख रुपये तो लिये ही होंगे। उन्होंने पैरेंट्स को आश्वासन दिया होगा कि हम आपके बच्चों को सार्क कोटा के अंतर्गत एडमिशन दिला कर उन्हें स्कॉलरशिप भी दिलवा देंगे। पैरेंट्स के लिए तो वास्तव में यह बहुत ही मुश्किल घड़ी है, क्योंकि वे कंसल्टेंट्स को पैसे दे चुके हैं। स्टूडेंट्स को यदि पढ़ाई से एक्सपेल किया जाता है या उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई की जाती है, तो इससे भी पैरेंट्स की परेशानी बढ़ सकती है।

सतर्क हो जाएं

इसके लिए सबसे ज्यादा दोषी कंसल्टेंट्स ही हैं। इसलिए यदि आप बांग्लादेश में एडमिशन लेने की योजना बना रहे हैं और कंसल्टेंट्स आपको यह गारंटी दे रहे हैं कि वे SAARC Quota में आपको ऐडमिशन दिलवा देंगे, तो आपको इसके बारे में अच्छी तरीके से सोच लेना चाहिए। बेहतर होगा कि आप इसके लिए खुद से आवेदन करें। साथ ही आप डाक्यूमेंट्स को अच्छी तरीके से वेरीफाई कर लें। कहीं ऐसा न हो कि आपके मार्क्सशीट को भी एडिट करके ये कंसल्टेंट्स आपके लिए अप्लाई कर दें। बाद में इसकी वजह से आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

इसलिए ध्यान रखें कि यदि आप आज सावधान रहेंगे, तो भविष्य में आने वाली मुसीबतों से खुद को बचा पाएंगे। किसी भी तरह की परेशानी या शंका होने पर आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमारी पूरी कोशिश होगी कि आपको टाइमली मदद मुहैया कराई जाए।

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