2020-21 में यूक्रेन से क्यों करें एमबीबीएस की पढ़ाई?

Team JagVimal 27 Feb 2023 2176 views
ukraine

बीते वर्ष 2020 में लगभग 15.9 लाख मेडिकल के उम्मीदवारों ने सिर्फ 67 हजार मेडिकल सीटों के लिए NEET की परीक्षा दी थी। यही वजह थी कि उम्मीदवारों के लिए अपने लिए मेडिकल की एक ही सीट सुरक्षित करना बहुत ही कठिन हो गया था। मेडिकल की सीटों और उम्मीदवारों के बीच का अनुपात इस बार सबसे ज्यादा रहा था। हम बहुत ही जल्द यह जानकर मोटा-मोटी एक आईडिया ले सकते हैं कि वर्ष 2020 में केवल 5 फीसदी मेडिकल स्टूडेंट्स ने ही मेडिकल सीट ली थी। अलग-अलग तरह के कोटा, बहुत ही महंगे फीस स्ट्रक्चर और यूनिवर्सिटी में होने वाली रैगिंग के तस्वीर में आने के बाद मेडिकल उम्मीदवारों के लिए परिस्थितियां बहुत ही कठिन हो गई थीं। ये कुछ ऐसी बाधाएं थीं, जिनकी वजह से 10,000वीं रैंक के अंदर आने के बाद मेडिकल उम्मीदवारों के लिए मेडिकल सीट पाना बहुत ही मुश्किल हो गया था।

mbbs in ukraine

आर्थिक रूप से मजबूत बैकग्राउंड वाले कई स्टूडेंट्स को मेडिकल की सीट मिल गई, लेकिन कई स्टूडेंट्स जिन्होंने NEET में 570 से भी ज्यादा अंक पाए थे, उन्हें सीट नहीं मिल पाई। इस तरह की परिस्थितियां होने से न केवल स्टूडेंट्स का आत्मविश्वास टूट जाता है, बल्कि उन पर सामाजिक दबाव का भी बहुत बड़ा वजन आ जाता है। इस तरह के मामलों में विकल्प एक ही नजर आता है और वह है विदेशों से एमबीबीएस की पढ़ाई करना। यदि हम वर्ष 2020 से 21 के दौरान सबसे अच्छे मेडिकल डेस्टिनेशंस की बात करें, तो इनमें किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, फिलीपींस, रुस और यूक्रेन जैसे देश लिस्ट में टॉप पोजीशन में हैं। फिर भी यदि हम इनमें से भी दो सबसे अच्छी जगहों को चुनते हैं, तो यूक्रेन और चीन सबसे पॉपुलर मेडिकल डेस्टिनेशंस के रूप में हमारे सामने आते हैं। वर्ष 2019 में NMC (नेशनल मेडिकल कमिशन) की ओर से चीन के लिए सीटों की संख्या घटा दी गई थी। साथ ही कोरोनावायरस की वजह से यहां मेडिकल की डिमांड बुरी तरीके से क्रैश होकर जमीन पर आ गिरी थी। महामारी की वजह से स्टूडेंट्स चीन के बारे में नहीं सोच रहे हैं। तो ऐसे में निश्चित रूप से वर्ष 2020-21 के लिए यूक्रेन सबसे पसंदीदा जगह है।

इस बारे में आगे बात करने से पहले हमें कुछ प्रमुख विशेषताओं पर नजर डालनी चाहिए, जिनका उल्लेख हम नीचे कर रहे हैं:-

  • यूक्रेन में एमबीबीएस की अवधि सिर्फ 5.8 वर्ष है।
  • एमबीबीएस की पढ़ाई यहां पर इंग्लिश मीडियम में ही होती है, लेकिन यहां यह अनिवार्य है कि आपको स्थानीय भाषा सीखनी पड़ेगी।
  • यूक्रेन में जितने भी मेडिकल विश्वविद्यालय हैं, इन सभी को NMC की तरफ से और WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की तरफ से मान्यता प्राप्त है।
  • जो अभ्यर्थी यूक्रेन में MBBS की पढ़ाई करना चाहते हैं, उनके लिए NEET का क्वालीफाइंग स्कोर कार्ड जरूरी है। एनएमसी की गाइडलाइंस के मुताबिक रिजल्ट की वैधता 3 साल तक रहती है।
  • यूक्रेन की यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के लिए किसी तरह की प्रवेश परीक्षा जैसे कि IELTS ( इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्ट सिस्टम) / GMAT ( ग्रैजुएट मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट) या TOFEL ( टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज ए फॉरेन लैंग्वेज) आदि की जरूरत नहीं होती है।
  • जैसा कि हम सभी यह जानते हैं कि यूक्रेन पूर्वी यूरोप में स्थित है। इसलिए यहां का मौसम ज्यादातर ठंडा ही रहता है। इसका मतलब यह हुआ कि दिसंबर से फरवरी तक यहां कड़ाके की ठंड पड़ती है, जिसमें कि तापमान 0 डिग्री से नीचे चला जाता है। बाकी वर्ष में यहां का औसत तापमान 5 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच घटता-बढ़ता रहता है।
  • यूक्रेन की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन की प्रक्रिया सामान्यतः दो बार चलती है। सबसे पहली दाखिले की प्रक्रिया सितंबर से अक्टूबर तक चलती है। दूसरी मार्च में शुरू होती है।
  • यूक्रेन में सबसे ज्यादा ईसाई धर्म को मानने वाले लोग हैं।
  • यूक्रेन की यूनिवर्सिटीज, जिनमें कि हॉस्टल की फैसिलिटी उपलब्ध है, वहां भारतीय फूड आसानी से उपलब्ध होते हैं।
  • यूक्रेन की राजधानी कीव है और यहीं भारतीय दूतावास स्थित है। यह भारतीय छात्रों की मदद करता है और उन्हें सपोर्ट करता है।
  • हर वर्ष लगभग 4000 भी से ज्यादा स्टूडेंट्स यूक्रेन पहुंचते हैं और यहां की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेते हैं।

Request a callback

Share this article

Enquire now whatsapp
Call Us Whatsapp