फिलीपींस के मनीला में जो भारतीय दूतावास स्थित है, उसने नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) से हाल ही में कुछ जानकारी मांगी है। कुछ दिनों पहले कई कंसल्टेंट्स और मेडिकल इंस्टिट्यूट की तरफ से अपडेट दिया गया था कि बीएस और एमडी, ये दोनों इंटीग्रेटेड प्रोग्राम हैं और ये बिल्कुल गजट नोटिफिकेशन के अनुसार ही हैं। इस तरह की इश्यूज सामने आ गई थीं। बड़ी संख्या में इससे स्टूडेंट्स और पैरेंट्स, जो बेहद परेशान हो गए थे, उन्होंने भारतीय दूतावास को बहुत से ईमेल भेजे थे। वे यह जानना चाहते थे कि क्या ये दोनों प्रोग्राम्स सामान हैं।
इसके बारे में भी भारतीय दूतावास की ओर से अपने फेसबुक और ट्विटर पेज पर यह जानकारी दी गई थी कि ये दोनों ही कोर्स अलग-अलग हैं। बीएस और एमडी ये दोनों मोर्स साथ में नहीं हैं। फिर भी भारतीय दूतावास के पास जो स्टूडेंट्स एवं पैरेंट्स के ई-मेल लगातार आ रहे थे, उसे देखते हुए भारतीय दूतावास ने नेशनल मेडिकल कमिशन से यह गुजारिश की है कि वे बीएस की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स के लिए एक एडवाइजरी जारी करे, जिससे वे राहत की सांस ले सकें।
भारतीय दूतावास ने ऐसा इसलिए किया है कि फेसबुक और यूट्यूब पर बहुत से लोगों ने अपने फायदे के लिए अलग-अलग तरह की जानकारियां पोस्ट कर दी थी। कभी उन्होंने बीएस और एमडी को इंटीग्रेटेड कोर्स बता दिया तो कभी उन्होंने इसे हटा दिया, जबकि बीते 18 नवंबर को जो गजट नोटिफिकेशन आया था, उसके पहले जितने लोगों ने भी बीएस कोर्स में एडमिशन लिया था, वे पूरी तरीके से सुरक्षित हैं। उन्हें आने वाले समय में किसी भी तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। फिर भी बहुत से कंसल्टेंट्स ने स्टूडेंट्स को गुमराह करने का काम किया है। उन्होंने ऐसी परिस्थितियां पैदा कर दी, जिसकी वजह से स्टूडेंट्स मानसिक रूप से परेशान हो गए। कंसल्टेंट्स ने ऐसा संभवतः इसलिए किया, ताकि वे स्टूडेंट्स को जहां भेजना चाहते हैं, वहां भेज सकें, जबकि वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं था।
पहले भी हम आपको अपने ब्लॉग एवं वीडियो के माध्यम से यह बता चुके हैं कि एनएमसी का गजट नोटिफिकेशन आने के पहले से बीएस की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स को चिंता करने की कोई भी जरूरत नहीं है। साथ ही उन्हें बार-बार NMC या भारतीय दूतावास को ईमेल करके न तो उन्हें और न ही खुद को परेशान करने की जरूरत है। NEET के स्कोर को भी 3 साल के लिए वैध केवल उन स्टूडेंट्स के लिए किया गया, जो डेढ़ साल या 2 साल के बीएस प्रोग्राम की पढ़ाई करते थे या प्री-मेडिकल की पढ़ाई करते थे। यहां पर भी देखा जाए तो भारत सरकार ने स्टूडेंट्स की भलाई के लिए ही काम किया है और इसका फायदा अन्य देशों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को भी मिल रहा है।
अब इस बात की पूरी संभावना है कि नेशनल मेडिकल कमिशन की तरफ से भी बहुत जल्द कोई एडवाइजरी जारी कर दी जाएगी, जिससे कि आपकी असमंजस की स्थिति पूरी तरह से दूर हो जाएगी। इसे लेकर आपके मन में यदि किसी भी तरह की कोई शंका है, तो आप हमसे भी संपर्क कर सकते हैं। हम आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करेंगे।
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