भारत के नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) की तरफ से स्टूडेंट्स के लिए एक बड़ा ही महत्वपूर्ण सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें यह बताया गया है कि NMC को इस बात की जानकारी मिली है कि जब से फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स लाइसेंटशिएट रेगुलेशंस, 2021 जारी हुआ है और NMC की तरफ से कम्पलसरी रोटेटरी मेडिकल इंटर्नशिप रेगुलेशंस, 2021 आया है, तब से फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स को कई स्टेट मेडिकल काउंसिल के साथ खुद को रजिस्टर करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में NMC ने यह साफ कर दिया है कि किन-किन मामलों में FMGL रेगुलेशंस, 2021 के प्रावधान लागू नहीं होंगे। वैसे फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स, जिन्होंने 18 नवंबर, 2021 से पहले फॉरेन मेडिकल डिग्री या प्राइमरी क्वालिफिकेशन हासिल कर लिया है, उन पर ये प्रावधान लागू नहीं होंगे। इनके अलावा वैसे कैंडिडेट्स, जिन्होंने 18 नवंबर, 2021 से पहले फॉरेन इंस्टीट्यूशंस में अपने अंडर ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन को ज्वाइन कर लिया है, वे भी इन प्रावधानों के दायरे से बाहर रहेंगे। साथ ही ऐसे फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स, जिन्हें कि नोटिफिकेशन के जरिए केंद्र सरकार द्वारा विशेष तौर पर इन प्रावधानों से बाहर रखा गया है, उन पर भी FMGL रेगुलेशंस, 2021 के प्रावधान लागू नहीं होंगे।
एनएमसी के सर्कुलर के मुताबिक इस तरह से वैसे फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स, जिन्होंने कि 18 नवंबर, 2021 से पहले फॉरेन मेडिकल डिग्री या प्राइमरी क्वालिफिकेशन हासिल कर लिया है या फिर विदेशी संस्थानों में अपनी पढ़ाई ज्वाइन कर ली है, वे पहले के रेगुलेशंस The Screening Test Regulations 2002 एवं The Eligibility Requirement for Taking Admission in an Undergraduate Medical Course in a Foreign Medical Institution, 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत आएंगे।
NMC के सर्कुलर में बताया गया है कि भारत का गजट, जिसका प्रकाशन 18 नवंबर, 2021 को हुआ है, उसी दिन से CRMI रेगुलेशंस के प्रावधान लागू हो गए हैं। NMC के CRMI रेगुलेशंस में मौजूद प्रावधानों के अनुसार वैसे भारतीय नागरिक (जिनमें विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिक भी शामिल हैं), जो फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स हैं, जो कि नेशनल मेडिकल कमिशन (FMGL) रेगुलेशंस, 2021 के दायरे में नहीं आते हैं, वे 2 सितंबर 2020 के एडवाइजरी नंबर MCI-203(1)(Gen)/2020- Regn./118239 के अनुसार इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट, 1956 (102 of 1956) के सेक्शन 13 के सब-सेक्शन (3) के प्रावधानों द्वारा रेगुलेट होंगे। साथ ही यदि उन्होंने जिस देश में मेडिकल की शिक्षा और डिग्री हासिल की है, वहां के नियम-कानूनों के मुताबिक उन्होंने प्रैक्टिकल ट्रेनिंग नहीं हासिल की है या फिर उस देश में उन्होंने किसी भी तरह का प्रशिक्षण नहीं लिया है, तो उन्हें भारत में CRMI कंप्लीट करना होगा।
अपने इस सर्कुलर में NMC की तरफ से विदेशों में पढ़ने वाले कई फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स को एक बड़ी राहत प्रदान की गई है। इस सर्कुलर में यह बताया गया है कि NMC को यह जानकारी मिली है कि बहुत से फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स ऐसे हैं, जो अपने बस के बाहर की परिस्थितियों जैसे कि कोविड-19 महामारी और युद्ध आदि की वजह से अपना इंटर्नशिप पूरा नहीं कर सके हैं। ऐसे में उनके द्वारा झेली गई परेशानियों और उनके दबाव को ध्यान में रखते हुए NMC की ओर से उनकी बची हुई इंटर्नशिप भारत में पूरी किए जाने की परमिशन दे दी गई है। उनकी यह इंटर्नशिप वैध यानी कि एलिजिबल मानी जायेगी। साथ ही स्टेट मेडिकल काउंसिल को भी ऐसा ही करने को कहा गया है। हालांकि यह शर्त रखी गई है कि भारत में इंटर्नशिप के लिए आवेदन करने से पहले इन स्टूडेंट्स को FMGE क्लियर करना पड़ेगा।
इन सबके अलावा NMC के रेगुलेशंस और परिस्थितियों को देखते हुए और सभी प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए कमिशन ने उसकी ओर से अगले दिशा-निर्देश जारी होने या फिर NExT एग्जाम होने से पहले तक स्टेट मेडिकल काउंसिल द्वारा FMGs के रजिस्ट्रेशन के ग्रांट के संबंध में विस्तार से दिशा-निर्देश और प्रक्रिया संबंधी जानकारी जारी करने का फैसला किया है। स्टेट मेडिकल काउंसिल को निर्देश दिया गया है कि FMGs का रजिस्ट्रेशन दिए जाने के दौरान वे कुछ शर्तों का अच्छी तरह से पालन करवाएंगे। ये शर्तें हैं:-
इस तरह से फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स के लिए इंटर्नशिप एवं अन्य चीजों के संबंध में नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) की तरफ से सर्कुलर जारी करके ज्यादातर चीजें साफ कर दी गई हैं। इसके अनुसार स्टूडेंट्स अपनी योजना बना सकते हैं।
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