FMGL-21 यानी कि फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंटशिएट 2021 को लेकर नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) की ओर से कुछ FAQs के जवाब दिए गए हैं, जिनके बारे में इस ब्लॉग में हम आपको बता रहे हैं। जहां तक हम समझ पा रहे हैं, तो अगले 28 फरवरी को जो कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है और जहां NMC को जवाब देने हैं, इस बात की पूरी संभावना है कि एनएमसी कुछ इसी तरह के जवाब कोर्ट में देने वाला है। कोर्ट में जवाब देने से पहले उन्होंने ये सारे जवाब अपनी वेबसाइट पर डाल दिए हैं और हमें ऐसा लग रहा है कि कोर्ट में भी एनएमसी की तरफ से सवालों के जवाब कुछ इसी तरह से दिए जाएंगे।
कौन हैं फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स?
उदाहरण के लिए एक सवाल है कि फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स कौन हैं, तो इसका जवाब यह है कि जो स्टूडेंट्स विदेश से पढ़ाई करके आ रहे हैं, वे फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स कहे जाएंगे। एक सवाल यह है कि FMGL-2021 कब से लागू हुआ है, तो इसका जवाब यह है कि 18 नवंबर, 2021 से इसे लागू किया गया है। तीसरा महत्वपूर्ण सवाल यह है कि नेशनल मेडिकल कमिशन को फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स को रेगुलेट करने की शक्ति किस से मिलती है। इसमें एनएमसी की ओर से लिखा गया है कि नेशनल मेडिकल कमिशन एक्ट, 2019 के सेक्शन 15 के सब सेक्शन 4 जो कि सेक्शन 57 के साथ पढ़ा जाए, यही NMC को फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स को रेगुलेट करने की ताकत देता है। जब कोर्ट में याचिका डाली गई थी, तो इस तरह के सवाल पूछे गए थे, जिनका NMC ने इस तरह से जवाब दिया है। अब देखना यह होगा कि कोर्ट में भी क्या NMC इसी तरह के जवाब देती है।
FMGL रेगुलेशंस 2021 के दायरे से बाहर किन्हें रखा गया है?
वे स्टूडेंट्स इस रेगुलेशंस के दायरे में नहीं आएंगे, जिनका एडमिशन 18 नवंबर, 2021 से पहले ही हो गया था। उससे पहले जो लोग पढ़ाई कर रहे थे, वे भी इसके दायरे में नहीं आएंगे। इसमें एक सवाल विदेशों में कोर्स की अवधि को लेकर भी है, जिसके जवाब में 54 महीने लिखा गया है। एक सवाल यह है कि पढ़ाई का इंस्ट्रक्शन किस भाषा में होना चाहिए, तो इसके जवाब में इंग्लिश लिखा गया है। एक सवाल है कि सब्जेक्ट्स कौन-कौन से पढ़ने होंगे, तो इसका जवाब दिया गया है कि जो FMGE 2002 में सब्जेक्ट्स थे, वही पढ़ने हैं, लेकिन यहां इंटर्नशिप जोड़ दी गई है। विदेश में ही इंटर्नशिप भी करनी पड़ेगी।
NEXT में शामिल होना है या नहीं?
इसमें एक सवाल यह भी दिया गया है कि क्या फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स को NEXT में शामिल होना पड़ेगा, तो इसमें कहा गया है कि उन्हें बिलकुल इसमें एपियर होना पड़ेगा। इसके अलावा भी NMC कोई और टेस्ट लेती है, तो उसमें भी उन्हें शामिल होना पड़ेगा। फिर एक सवाल यह है कि क्या फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स को उस देश में रजिस्टर्ड होना है, जहां कि उन्हें मेडिकल की डिग्री दी जा रही है, तो इसके जवाब में कहा गया है कि हां उन्हें रजिस्टर्ड होना पड़ेगा या फिर आप वहां रजिस्ट्रेशन पाने के लिए एलिजिबल होने चाहिए। कहने का मतलब यह हुआ कि आपकी एजुकेशन वही होनी चाहिए, जो कि वहां के स्थानीय स्टूडेंट्स की हो। ऐसा नहीं होना चाहिए कि लोकल स्टूडेंट्स 6 साल में पढ़ाई कर रहे हैं और आप 5 साल में पढ़ाई करके लौट आ रहे हैं। यह भी एक बहुत ही गंभीर मुद्दा था, जिसे कि पहले उठाया गया था।
इंटर्नशिप के लिए क्या रेगुलेशंस हैं?
फिर सवाल यह आया कि इंटर्नशिप के लिए क्या रेगुलेशंस हैं, तो इसके जवाब में कहा गया है कि नेशनल मेडिकल कमिशन रेगुलेशंस 2021 के प्रावधानों के अनुसार इंटर्नशिप करनी पड़ेगी। यह भारतीय और विदेशी दोनों ही स्टूडेंट्स पर लागू होता है। दोनों को ही इसे फॉलो करना पड़ेगा। इसके बाद सवाल है कि इंटर्नशिप की अवधि क्या होनी चाहिए, इसका जवाब यह है कि FMGL-2021 के अनुसार यह न्यूनतम 12 महीने की होनी चाहिए। अगला सवाल यह पूछा गया है कि क्या भारत में भी इंटर्नशिप करना अनिवार्य है, तो इसका जवाब हां है। भारत में भी इंटर्नशिप करनी ही पड़ेगी। अगला सवाल यह पूछा गया है कि फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स को इंटर्नशिप के लिए कहां आवेदन करना पड़ेगा, तो इसके जवाब में बताया गया है कि आपको स्टेट मेडिकल काउंसिल के जरिए या नेशनल मेडिकल कमिशन के माध्यम से इंटर्नशिप के लिए आवेदन करना पड़ेगा।
भारत में इंटर्नशिप के योग्य होने के लिए जरूरी शर्तें
फिर यह सवाल भी है कि भारत में इंटर्नशिप के लिए योग्य होने के लिए फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स को किन शर्तों को पूरा करना पड़ेगा। इसमें पहला यह दिया गया है कि आपके पास फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट डिग्री होनी चाहिए, जो कि न्यूनतम 54 महीने की हो। दूसरा यह है कि आपकी 12 महीने की इंटर्नशिप उसी फॉरेन मेडिकल इंस्टिट्यूट में होनी चाहिए, जहां कि आपने पढ़ाई की है। तीसरा यह है कि आपकी पढ़ाई इंस्ट्रक्शन इंग्लिश भाषा होनी चाहिए और शेड्यूल 1 के अनुसार आपके सारे सब्जेक्ट्स इसमें शामिल होने चाहिए। इसके अलावा आप वहां पर रजिस्टर होने के योग्य होनी चाहिए या फिर आप वहां रजिस्टर होने चाहिए। इसमें यह भी बताया गया है कि आपको नेशनल एग्जिट टेस्ट या फिर जो भी टेस्ट लिए जाएंगे, उसमें शामिल होना पड़ेगा। इसके बाद आपको प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन अपने संबंधित स्टेट मेडिकल काउंसिल से मिला होना जरूरी है।
इंटर्नशिप 54 महीने के एमबीबीएस कोर्स का हिस्सा है या नहीं?
अब एक महत्वपूर्ण सवाल यह पूछा गया है कि जिस तरह से क्लीनिकल पोस्टिंग और ट्रेनिंग एमबीबीएस कोर्स में 54 महीने के दौरान पूरी होगी, वैसे ही इंटर्नशिप या क्लर्कशिप भी है या फिर अलग से इसे करना पड़ेगा। इसके जवाब में यह बताया गया है कि इंटर्नशिप/क्लर्कशिप और क्लीनिकल पोस्टिंग एवं ट्रेनिंग प्रैक्टिकल लर्निंग के अलग-अलग फेज हैं, जहां क्लीनिकल पोस्टिंग और ट्रेनिंग 54 महीने के एमबीबीएस कोर्स का ही हिस्सा हैं, वहीं इंटर्नशिप एमबीबीएस कोर्स के पूरा होने के बाद की जाएगी। हालांकि, इंटर्नशिप अंडर ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन डिग्री का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
ऑनलाइन क्लासेज के प्रावधान क्या हैं?
सबसे अंतिम और महत्वपूर्ण सवाल इसमें यह है कि ऑनलाइन क्लासेज के प्रावधान क्या हैं, तो इसके जवाब में यह बताया गया है कि फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स थ्योरिटीकली ऑनलाइन क्लासेज ले सकते हैं और जो प्रैक्टिकल्स उन्होंने पिछले एक या डेढ़ साल में मिस किए हैं, वापस जाने पर उन्हें अपनी यूनिवर्सिटी में या यूनिवर्सिटी से एफिलिएटिड हॉस्पिटल्स में उन्हें पूरा करना पड़ेगा। उसका एक सर्टिफिकेट भी आपको वहां से मिलना चाहिए कि आपने प्रैक्टिकल कर लिए हैं। अब दो चीजें आपको अच्छी तरह से समझ आ गई हैं कि क्लर्कशिप और इंटर्नशिप सामान नहीं हैं और दूसरा कि ऑनलाइन क्लासेज का मतलब क्या है।
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