बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए विदेश जाते हैं। जिन देशों में भारतीय स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं, उनमें से एक इजिप्ट भी है। इजिप्ट में एमबीबीएस के कोर्स ड्यूरेशन में नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) का नया गजट नोटिफिकेशन आने के बाद क्या बदलाव हुए हैं, इसके बारे में हम आपको इस लेख में बता रहे हैं। इजिप्ट में पिछले 1-2 वर्षों में मेडिकल एजुकेशन सिस्टम में भी कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। कौन-कौन से बदलाव के प्रस्ताव वहां आये थे और इन्हें लागू किया गया है या नहीं, इन सभी के बारे में भी हम आपको यहां बता रहे हैं।
इजिप्ट में मेडिकल एजुकेशन
सबसे पहले हम आपको यह बता दें कि इजिप्ट में जो एमबीबीएस (MBBS) की डिग्री दी जाती है, वहां इसे एमबीबीसीएच (MBBCh) कहा जाता है। इसका मतलब होता है बैचलर डिग्री ऑफ़ मेडिसिन एंड सर्जरी। यहां जो गवर्नमेंट बॉडी इसे रेगुलेट करती है, वह मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड पापुलेशन (MoHP) और इजिप्ट मेडिकल सिंडिकेट (EMA) है। ये दोनों ही इजिप्ट में रेगुलेटरी अथॉरिटीज हैं। स्टूडेंट्स की लाइसेंसिंग का पार्ट इन्हीं के जिम्मे होता है।
लाइसेंसिंग एग्जाम
अभी तक इनके पास किसी भी तरह का लाइसेंसिंग एग्जाम नहीं हुआ करता था, लेकिन सुप्रीम काउंसिल ऑफ यूनिवर्सिटीज ने साल 2019 में यहां 5+2 साल के कोर्स की वकालत कर दी। उसने 5+2 साल के कोर्स में 2 साल का प्री-क्लिनिकल, 3 साल का क्लीनिकल और 2 साल की प्रैक्टिस कर दी, जो कि इंटर्नशिप या क्लिनिकल प्रैक्टिस कही जाएगी। यदि कोविड-19 महामारी नहीं आती, तो वर्ष 2020 के लिए जो स्टूडेंट्स का बैच पास आउट हो रहा था, ये सभी लोग नेशनल लाइसेंसिंग एग्जाम (NLE) के दायरे में आ जाते। इन सभी को नेशनल लाइसेंसिंग एग्जाम में शामिल होना पड़ता। इसके बाद ही उन्हें वहां रजिस्ट्रेशन मिल पाता।
नए स्टूडेंट्स ध्यान दें
जैसे कि नए गजट नोटिफिकेशन में यह दिया गया है कि भारतीय स्टूडेंट्स और जिस देश में वे पढ़ाई कर रहे हैं, उन दोनों की एक्यूवैलेंसी होनी चाहिए यानी कि वे परीक्षा देने के योग्य होने चाहिए। इसलिए यदि आप इजिप्ट में पहले से पढ़ाई कर रहे हैं और जैसा कि आपको बहुत से कंसल्टेंट्स ने यह बताया होगा कि आप 2 साल की जगह 1 साल की इंटर्नशिप कर सकते हैं और 5 साल के बाद वहां से मेडिकल की डिग्री लेकर यहां आ सकते हैं और भारत में इंटर्नशिप कर सकते हैं, ये बातें कितनी सच हैं, इसके बारे में तो हमें ज्यादा नहीं मालूम, लेकिन जो नए स्टूडेंट्स वहां पढ़ाई करने के लिए जा रहे हैं, उनके लिए हम यह बता दें कि हमारा रिसर्च यह कहता है कि आपको वहां 5 साल तक पढ़ाई करनी होगी और 2 साल की इंटर्नशिप भी करनी होगी। तभी आप नेशनल लाइसेंसिंग एग्जाम में बैठने के योग्य हो पाएंगे।
पूरे 8 साल का कोर्स
इसका मतलब यह हुआ कि यदि आप भारत से इजिप्ट जाते हैं, तो आप वहां 7 साल तक पढ़ाई करते हैं। उसके बाद भारत लौटकर आपको 1 साल की इंटर्नशिप करनी पड़ती है। इस तरह से कुल मिलाकर आपको अपने मेडिकल कोर्स को पूरा करने में 8 साल लग जाएंगे। आपने 7 साल वहां पढ़ाई की। फिर आप NEXT 1 में शामिल हुए। इसके बाद आपने इंटर्नशिप किम इस तरीके से आपका कोर्स ड्यूरेशन यानी कि आपकी कोर्स की अवधि 8 साल की हो गई।
अब तक भारतीय स्टूडेंट्स का बैच पास आउट नहीं
आपको बता दें कि इजिप्ट में मेडिकल की पढ़ाई के लिए भारतीय स्टूडेंट्स के जाने की शुरुआत वर्ष 2019 से हुई है। पहले मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर जो यूनिवर्सिटीज की लिस्ट हुआ करती थी, उसमें इजिप्ट की यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों के नाम नहीं हुआ करते थे, लेकिन वर्ष 2019 में एक साथ वहां की 8-9 यूनिवर्सिटीज के नाम लिस्ट में डाल दिए गए थे। इस तरह से अब तक इजिप्ट में 2019, 2020 और 2021 में भारतीय स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए गए हैं। अब तक इजिप्ट से भारतीय स्टूडेंट्स का कोई भी बैच पास आउट नहीं हुआ है।
नेशनल लाइसेंसिंग एग्जाम की शुरुआत
तो यदि आप वर्ष 2022 से इजिप्ट में मेडिकल की पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं, तो आप यह मान कर चलिए कि आपका कोर्स ड्यूरेशन 8 साल का होगा और 2023 में जो नेशनल लाइसेंसिंग एग्जाम को शुरू किया जाएगा, उसमें 2023 में पास होने वाले स्टूडेंट्स को शामिल होना पड़ेगा। नेशनल लाइसेंसिंग एग्जाम की शुरुआत वर्ष 2020 में कोरोना महामारी की वजह से नहीं हो पाई थी। इजिप्ट के लोकल स्टूडेंट्स के लिए यह जरूरी होगा। यदि आपके मन में किसी भी तरह की कोई शंका है, तो आप कमेंट कर सकते हैं। इंस्टाग्राम पर आप हमें फॉलो कर सकते हैं। साथ ही आप हमसे व्हाट्सएप पर भी चैट कर सकते हैं।