किसी भी भारतीय स्टूडेंट में जब तक नॉलेज हासिल करने की क्षमता और ललक है, तब तक यह बिल्कुल भी मैटर नहीं करता है कि वह स्टूडेंट हायर एजुकेशन कहां से हासिल कर रहा है।
अब हम इस सवाल पर आते हैं कि क्या भारत की तुलना में विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई करना बेहतर है?
बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स का यह सपना होता है कि उन्हें एक मेडिकल सीट मिल जाए। खासकर भारत सरकार के किसी भी मेडिकल इंस्टिट्यूट में वे दाखिला लेना चाहते हैं। आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो हर साल लाखों की तादाद में स्टूडेंट्स NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) में शामिल होते हैं, लेकिन इनमें से केवल 5 से 7 फीसदी स्टूडेंट्स को ही भारत में एक मेडिकल सीट मिल पाती है। ऐसे भाग्यशाली स्टूडेंट्स की संख्या बहुत ही कम होती है, जिन्हें कि सरकारी मेडिकल यूनिवर्सिटीज में एडमिशन मिल पाता है। बाकी स्टूडेंट्स को एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए देश में मौजूद प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों या यूनिवर्सिटीज में जाना पड़ता है, जहां पर कि उन्हें बहुत सी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। यही कारण है कि भारत में किसी प्राइवेट मेडिकल इंस्टिट्यूट में एमबीबीएस की पढ़ाई करने की बजाय स्टूडेंट्स विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई का विकल्प चुन लेते हैं।
अनुकूल फी स्ट्रक्चर
भारत में मेडिकल प्रोग्राम्स के लिए फीस स्ट्रक्चर को देखा जाए, तो यह पैरेंट्स की जेब के हिसाब से अनुकूल नहीं बैठता है। यहां आसमान छूते फीस स्ट्रक्चर की वजह से खासकर मध्यमवर्गीय परिवार को अपने बच्चों को डॉक्टरी की पढ़ाई करवाने में बड़ी दिक्कतें आती हैं। ऐसे में विदेशों में कई ऐसे टॉप मेडिकल यूनिवर्सिटीज मौजूद हैं, जो कि भारत के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की तुलना में बहुत ही कम खर्चे में एमबीबीएस की पढ़ाई ऑफर करती हैं। चीन, कजाकिस्तान, रुस, फिलिपिंस, यूक्रेन और जॉर्जिया जैसे देश सस्ती कीमत पर एमबीबीएस की डिग्री प्रदान करते हैं। यही वजह है कि भारतीय स्टूडेंट्स मेडिकल की डिग्री हासिल करने के लिए इन देशों के मान्यता प्राप्त कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एडमिशन ले लेते हैं।
दुनिया भर से मान्यता प्राप्त डिग्री
जब हम विदेशों में स्थित मेडिकल यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों को देखते हैं, तो हम पाते हैं कि इन सभी की यह खासियत है कि ये जो मेडिकल प्रोग्राम्स अपने स्टूडेंट्स को ऑफर कर रहे हैं, इन सभी को दुनियाभर के प्रतिष्ठित मेडिकल बॉडीज द्वारा मान्यता प्राप्त है। इनमें NMC और FAIMER आदि भी शामिल हैं।
आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर
ऐसा नहीं है कि विदेशों में स्थित मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटीज की केवल फीस ही सस्ती है, बल्कि इनके यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी मौजूद हैं। ये सभी नवीनतम तकनीकों से लैस हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स को यहां प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी मिल जाती है। इस तरह से यदि भारतीय स्टूडेंट्स विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई का विकल्प चुनते हैं, तो इससे एक बेहतर डॉक्टर बनने की उनकी उम्मीद बढ़ जाती है।
व्यापक प्रैक्टिकल एक्सपोजर
चीन, कजाकिस्तान, यूक्रेन, रुस, जॉर्जिया और फिलीपींस आदि में जब स्टूडेंट्स एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे होते हैं, तो यहां के मेडिकल प्रोग्राम्स में प्रैक्टिकल बहुत मायने रखता है। इस दौरान स्टूडेंट्स को बड़े पैमाने पर प्रैक्टिकल एक्सपोजर मिल पाता है। उदाहरण के लिए यदि हम चीन की ही बात करें, तो हम सभी को मालूम है कि चीन दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। यही वजह है कि यहां बड़ी संख्या में तरह-तरह के मरीज मौजूद हैं। ऐसे में मेडिकल स्टूडेंट्स को मरीजों की बीमारियों को समझने और उनका इलाज करने का तरीका समझने का भी प्रैक्टिकल मौका मिलता है।
नई चीजों को जानने-समझने का मौका
स्टूडेंट्स जब एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं, तो नए देश के बारे में और नए लोगों के बारे में उन्हें बहुत कुछ जानने को मिलता है। वे नई संस्कृति और नए वातावरण से कई नई चीजें सीखते हैं। वे पर्सनल तरीके से इन चीजों का अनुभव करते हैं। इससे उन्हें अपने प्रोफेशनल डेवलपमेंट में भी काफी मदद मिलती है।
महिलाओं के लिए आरामदायक और सुरक्षित वातावरण
जिन एमबीबीएस की पढ़ाई ऑफर करने वाले देशों की हम यहां बात कर रहे हैं, इन देशों में भारतीय स्टूडेंट्स के लिए एक सुरक्षित और आरामदायक वातावरण मौजूद है। मेडिकल स्टूडेंट्स यहां बेहद दोस्ताना तरीके से खुशी-खुशी अपनी पढ़ाई कर सकते हैं।
यदि हम इन देशों में महिलाओं की सुरक्षा और उनकी सुविधाओं की बात करें, तो यहां वे खुद को बेहद सुरक्षित महसूस करती हैं, क्योंकि वे लगातार निगरानी में रहती हैं।
भारतीय खानपान और बेहतर आवास की सुविधा
विदेशों में जो मेडिकल यूनिवर्सिटीज मौजूद हैं, यहां भारतीय स्टूडेंट्स को रहने के लिए आरामदायक जगह मिल जाती है। साथ ही भारतीय व्यंजन भी इन्हें खाने को आसानी से मिल जाते हैं। ऐसे में भारतीय स्टूडेंट्स को भारतीय खानपान की चिंता नहीं करनी चाहिए।
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