चीन की राजधानी बीजिंग में स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से पिछले दिनों एक प्रेस रिलीज जारी किया गया था। उसी के कंटिन्यूएशन में भारतीय दूतावास की तरफ से 6 मई, 2022 को एक नया अपडेट सामने आया है। इसमें बताया गया है कि जो भारतीय स्टूडेंट्स चीन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं और उन्हें अब पढ़ने के लिए कोरोना काल के बाद चीन लौटना है, उनकी सहूलियत के लिए भारतीय दूतावास द्वारा बीते 29 अप्रैल को एक प्रेस रिलीज जारी किया गया था और इस दौरान गूगल फॉर्म का एक लिंक भी दिया गया था।

बना लिए समान से दिखने वाले गूगल लिंक्स
उसी लिंक की तरह कुछ लोगों ने गूगल डॉक्स में स्टूडेंट्स का डाटा इकट्ठा करने के लिए और लिंक्स बना लिये हैं। इस डाटा का वे किस तरह से इस्तेमाल करने जा रहे हैं, यह तो उन्हें ही मालूम होगा, लेकिन भारतीय दूतावास की तरफ से फिर से यह अपडेट जारी किया गया है कि इस तरह के कई सिमिलर लिंक्स मौजूद हैं। आपको बहुत ही सावधानी से इन्हें देखना है। सोशल मीडिया में बहुत से कंसल्टेंट्स ने या किसी स्टूडेंट्स ने या फिर किसी और व्यक्ति ने अपने फायदे के लिए भारतीय दूतावास द्वारा पहले जारी किए गए गूगल फॉर्म के लिंक की तरह दिखने वाले गूगल फॉर्म के लिंक को बनाकर शेयर किया है। ऐसे में हम आपसे यही अनुरोध करते हैं कि इस तरीके का कोई भी लिंक जो आपको सोशल मीडिया के जरिए जैसे कि फेसबुक या इंस्टाग्राम या टेलीग्राम ग्रुप में या फिर व्हाट्सएप पर आपके पास आया हो, उन लिंक्स को आप बिल्कुल भी फॉलो नहीं करें।
केवल इसी लिंक को खोलें
आपको इसके लिए भारतीय दूतावास की वेबसाइट पर जाना है। बीते 29 अप्रैल को जो भारतीय दूतावास ने प्रेस रिलीज अपडेट किया था, आपको उसे ही देखना है। उसी प्रेस रिलीज में गूगल फॉर्म का लिंक दिया हुआ है। भारतीय दूतावास की वेबसाइट से ही आपको इस गूगल फॉर्म के लिंक को खोलना है और वहां पर जितनी भी जानकारी मांगी जा रही है, आपको जानकारी को वहां भर देना है। यदि आप पहले ही इसे भर चुके हैं और आप इस बात को लेकर श्योर नहीं हैं कि आपने सही वाला गूगल फॉर्म भरा है या फिर आपने किसी समान दिखने वाले गूगल फॉर्म में अपनी जानकारी भर दी है और आप संदेह में हैं, तो इस लिंक पर आप अपनी डिटेल्स अपडेट कर सकते हैं। हां, यदि आपको लगता है कि यह लिंक वही है, जहां पर कि आपने अपनी जानकारी दी थी, तो आपको फिर से अपनी जानकारी अपडेट करने की जरूरत नहीं है।
खुद से जरूर करें वेरिफाई
साथ ही हम आपसे यह भी अनुरोध करेंगे कि आपके पास कभी भी सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म चाहे वह फेसबुक हो, व्हाट्सएप हो, इंस्टाग्राम हो या टेलीग्राम हो, वहां पर किसी भी तरह का कम्युनिकेशन यदि होता है, तो आपकी खुद से यह कोशिश होनी चाहिए कि आप सबसे पहले उसे वेरीफाई कर लें। यदि जानकारी किसी भी दूतावास के हवाले से आती है, तो आप उस देश में मौजूद भारतीय दूतावास की वेबसाइट को ओपन कर सकते हैं। आप उसके ऑफिशियल पेज को भी चेक कर सकते हैं कि इस तरह की जानकारी वहां पर उपलब्ध है भी या नहीं। ज्यादातर स्टूडेंट्स या पैरेंट्स यह गलती करते हैं कि जब उनके पास व्हाट्सएप या इंस्टाग्राम या फेसबुक पर कोई भी मैसेज आता है, तो वे उसका स्क्रीनशॉट लेते हैं और बिना उसकी पड़ताल किए हुए उसे फॉरवर्ड करना शुरू कर देते हैं।
सतर्कता है जरूरी
यदि हम थोड़े भी सतर्क हो जाएं और जिम्मेवारी बन जाएं तो इस तरह की धोखेबाजी को रोका जा सकता है। इससे स्टूडेंट्स और पैरेंट्स बेवकूफ बनने से बच सकते हैं। पहले भी कई बार ऐसा हुआ है कि कुछ कंसल्टेंट्स ने स्टूडेंट्स का डाटा जमा करने के लिए अलग-अलग दूतावासों का हवाला दिया था और गूगल का फॉर्म बना लिया था, जिसमें कि उन्होंने स्टूडेंट्स का डाटा इकट्ठा किया था। हो सकता है कि इस बार भी इसी तरह के कुछ लोगों ने ऐसा किया हो। तो खुद के फायदे के चक्कर में वे आपका नुकसान कर सकते हैं। इसलिए आप सिर्फ भारतीय दूतावास की वेबसाइट पर ही जाकर बीते 29 अप्रैल को जारी किए गए प्रेस रिलीज में मौजूद गूगल फॉर्म के ही लिंक को क्लिक करके वहां अपनी जानकारी भरें। इसके अलावा सोशल मीडिया में आए किसी भी लिंक को आपको फॉलो नहीं करना है।
इसके अलावा भी यदि आप कोई और जानकारी चाहते हैं या कोई शंका आपके मन में है, तो आप हमसे हमारे व्हाट्सएप नंबर 9772378888 पर भी चैट कर सकते हैं। इंस्टाग्राम पर आप हमें फॉलो कर सकते हैं। हमारे यूट्यूब चैनल को आप सब्सक्राइब कर सकते हैं। आप अपने पास मौजूद जानकारी भी हमसे शेयर कर सकते हैं।
 
                         
                                                 
                                                                 
                                                                 
                                                                 
                                                                 
                                                                