हाल-फिलहाल दो गजट जारी हुए थे, जिनमें से एक मेडिकल ग्रेजुएट्स के लिए था, जो कि फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट लाइसेंशिएट एग्जामिनेशन 2021 के नाम से था, जबकि दूसरा भारतीय स्टूडेंट्स के लिए इंटर्नशिप के लिए आया था। इसमें यह बताया गया है कि स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप वहीं से करनी पड़ेगी, जहां से कि उनकी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी हुई है। ऐसे में इसे लेकर बहुत से पैरेंट्स ने हमसे संपर्क किया है। उन्होंने अपनी परेशानियों का हमसे जिक्र किया है।
स्टूडेंट्स की परेशानियां
जैसे कि एक पैरेंट्स ने बताया कि उनकी बेटी तमिलनाडु के एक मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही हैं। दो महीने पहले उन्होंने एनओसी के लिए अप्लाई किया था और अब पिछले हफ्ते उन्हें मेडिकल इंस्टिट्यूट की तरफ से एनओसी दिया गया है। स्टेट मेडिकल काउंसिल की तरफ से भी उन्हें पहले ही एनओसी मिल चुका था। स्टेट मेडिकल काउंसिल ने उन्हें इस चीज के लिए एनओसी दिया था कि वे यहां आकर इंटर्नशिप कर सकती हैं। लेकिन पिछले हफ्ते ही उनके पास तमिलनाडु मेडिकल काउंसिल की तरफ से यह नोटिफिकेशन आया है कि आपकी एनएससी को निरस्त कर दिया गया है और आपको उसी कॉलेज से अपनी इंटर्नशिप पूरी करनी पड़ेगी, जहां से कि आपने ग्रेजुएशन किया है।
परेशानियों की वजह
आखिर यह समस्या पैदा क्यों हुई है, इसका आपको आकलन करना पड़ेगा। दरअसल नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) की तरफ से जो पिछले अप्रैल में इंटर्नशिप वाले गजट को लेकर ड्राफ्ट लाया गया था, तभी मई और जून में सभी मेडिकल काउंसिल को यह नोटिफिकेशन भेज दिया गया था कि जब ये नियम-कानून भविष्य में लागू किए जाएंगे तो उन्हें इन्हें लागू करना ही पड़ेगा। स्टेट मेडिकल काउंसिल के बीच आपस में पारस्परिक सहयोग की कमी हुई है। इसके कारण इसका खामियाजा वर्तमान में स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है।
स्टूडेंट्स कर रहे इंतजार
आलम यह है कि कई स्टूडेंट्स कई महीने से घर में बैठे हुए हैं और एनओसी का इंतजार कर रहे हैं। जबकि देखा जाए तो पिछले जुलाई में ही स्टेट मेडिकल काउंसिल को यह नोटिफिकेशन भेज दिया गया था कि गजट के आ जाने के बाद वे किसी भी स्टूडेंट्स को एनओसी नहीं दे पाएंगे। सभी स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप वहीं से करनी पड़ेगी, जहां से कि उनकी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी हुई है।
आगे क्या?
इसका आकलन करने के बाद हमें एक और चीज यह समझ में आ रही है कि यदि भारतीय स्टूडेंट्स को एनओसी नहीं मिल पा रही है, तो ऐसे में सभी फॉरेन ग्रैजुएट्स को चाहिए कि वे अपने कॉलेज या यूनिवर्सिटी को बिल्कुल भी न बदलें। वह इसलिए कि इस बात की पूरी आशंका है कि उन्हें भी इनकी तरफ से एनओसी नहीं मिले। हमारी तरफ से इसे लेकर आरटीआई भी दाखिल किया गया है और 20-22 दिन बीत भी चुके हैं। जो भी सूचना हमारे पास आती है, उसे हम आपसे जरूर साझा करेंगे।
तब तक आप इस बात का ध्यान जरूर रखें कि यदि आप भारतीय मेडिकल ग्रैजुएट्स हैं, तो आपको इंटर्नशिप वहीं से करनी है, जहां से कि आपने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई की है। हां, यदि आप विदेश में कहीं पढ़ाई कर रहे हैं, तो हमारी आपसे यही अपील होगी कि जब तक आरटीआई का जवाब हमें नहीं मिल जाता है, तब तक आप ट्रांसफर की कोशिश न करें। बाकी जो भी जानकारी हमें प्राप्त होती है, उसे हम तत्काल आपसे जरूर साझा करेंगे।