भारत के जो स्टूडेंट्स नेपाल में एमबीबीएस की पढ़ाई करना चाहते हैं, उनके लिए नेपाल एमबीबीएस की पढ़ाई करवाने वाले सबसे अच्छे देशों में से एक साबित हो सकता है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि एक तो नेपाल भारत के पड़ोस में स्थित है और दूसरा कि नेपाल की संस्कृति काफी हद तक भारत से मिलती-जुलती है। नेपाल के मेडिकल कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में भारतीय स्टूडेंट्स के लिए कई तरह की सुविधाएं मौजूद हैं, जिनकी वजह से भारतीय स्टूडेंट्स के लिए नेपाल में एमबीबीएस की पढ़ाई कर पाना बेहद आसान हो जाता है। यहां हम आपको नेपाल में भारतीय स्टूडेंट्स के लिए उपलब्ध इन्हीं सुविधाओं के बारे में बता रहे हैं।
लाजवाब हॉस्टल फैसिलिटी
नेपाल में एमबीबीएस की पढ़ाई की जब हम बात कर रहे हैं, तो सबसे पहले हम नेपाल में भारतीय स्टूडेंट्स के लिए उपलब्ध हॉस्टल की सुविधाओं के बारे में आपको बताते हैं। नेपाल के मेडिकल कॉलेजों एवं यूनिवर्सिटीज में लड़के एवं लड़कियों के लिए अलग-अलग हॉस्टल उपलब्ध हैं। ये हॉस्टल कॉलेज या यूनिवर्सिटी के परिसर में ही स्थित हैं, जिसकी वजह से छात्रों को अच्छी सुरक्षा मिल जाती है। पूरे सेशन के लिए स्टूडेंट्स को एक ही बार हॉस्टल की फीस जमा कर देनी होती है।
स्टूडेंट्स जब एक बार किसी हॉस्टल में रहना शुरू कर देते हैं, तो इसके बाद हॉस्टल मैनेजमेंट की यह जिम्मेवारी होती है कि वे न केवल स्टूडेंट्स को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराते हैं, बल्कि वे साफ-सफाई का भी ध्यान रखते हैं। साथ ही स्टूडेंट्स को अच्छी कैंटीन की सुविधा भी मिलती है। स्टूडेंट्स के लिए स्वच्छ पानी हमेशा उपलब्ध रहता है। बिजली भी उन्हें लगातार मिलती रहती है।
ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा
जैसा कि हम सभी को मालूम है कि नेपाल एक पहाड़ी देश है। यहां पहाड़ी इलाके होने की वजह से सड़कों का निर्माण आसान नहीं होता है। सड़कें तैयार करने में भारी खर्च आता है। यही वजह है कि मुख्य सड़कों तक पहुंचने के लिए कई बार लोगों को थोड़ी दूरी तक यात्रा भी करनी पड़ती है। यहां से देश और विदेशों में जाने के लिए एक ही जरिया उपलब्ध है और वह है प्लेन। नेपाल में 47 एयरपोर्ट ब्रिक रनवे बने हुए हैं, जिनसे प्लेन उड़ान भरते हैं। दिल्ली एयरपोर्ट से नेपाल तक पहुंचने में लगभग डेढ़ घंटे का वक्त लगता है। भारत के कई अन्य शहरों से भी नेपाल के लिए सीधी उड़ाने उपलब्ध हैं।
स्टूडेंट्स के लिए भोजन की सुविधा
नेपाल में मुख्य रूप से दाल भात खाया जाता है। वैसे, यहां हॉस्टल में जो कैंटीन मौजूद हैं, इनमें स्टूडेंट्स अपनी पसंद का भोजन खा सकते हैं। नेपाल की यह खासियत है कि यहां पर आपको अपनी पसंद के मुताबिक मांसाहारी और शाकाहारी दोनों ही तरह के भोजन मिल जाते हैं। स्टूडेंट्स भारत में जो स्वादिष्ट व्यंजन खाते हैं, वे उन्हें नेपाल में भी आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं, जिससे कि एमबीबीएस की पढ़ाई करने के दौरान उन्हें भोजन को लेकर किसी भी तरह का टेंशन नहीं लेना पड़ता है।
नेपाल से एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद आगे की राहें
वैसे भारतीय स्टूडेंट्स, जिनके लिए किसी वजह से भारत के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई करना मुमकिन नहीं हो पाता है, नेपाल एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए निश्चित रूप से उनके लिए एक बड़ा ही बेहतर विकल्प है। नेपाल में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बहुत से फायदे हैं। नेपाल में जब आप एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर लेते हैं, तो इसके बाद भारत में आपको FMGE क्वालीफाई करना पड़ता है, जिसके बाद आप यहां क्लिनिकल प्रैक्टिस कर सकते हैं। इसके बाद भी यदि आप अपनी मेडिकल की पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं तो आपके पास सबसे अच्छा विकल्प यही होता है कि आप या तो भारत या फिर यूएसए और यूके जैसे देशों से पीजी कर लें। वैसे स्टूडेंट्स जो क्लीनीसियन नहीं बनाना चाहते हैं, वे एक रिसर्चर बनने के लिए पीएचडी कर सकते हैं।
नेपाल की जलवायु और मौसम
नेपाल की जलवायु बहुत ही सुखद है। यहां आपको मानसून वाली जलवायु मिलती है। नेपाल में आपको साल भर में 5 अलग-अलग तरह के मौसम देखने के लिए मिलते हैं। इनमें गर्मी, मानसून, शरद, सर्दी और वसंत ऋतु शामिल हैं। नेपाल में गर्मी के दिन ज्यादातर सूखे रहते हैं। मई से अगस्त के दौरान यहां अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक जाता है। मानसून के दौरान नेपाल में कम-से-कम 40 सेंटीमीटर और ज्यादा-से-ज्यादा 45 सेंटीमीटर वर्षा होती है। सर्दी के दिनों में यहां पर तापमान 5 डिग्री से 2 डिग्री तक चला जाता है। कभी-कभी तापमान शून्य से नीचे भी पहुंच जाता है।
चलते-चलते
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि भारतीय स्टूडेंट्स के लिए नेपाल में एमबीबीएस की पढ़ाई करना बहुत ही आसान है, क्योंकि यहां के कालेजों एवं विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस स्टूडेंट्स को हर तरह की जरूरी सुविधाएं मिल जाती हैं। साथ ही नेपाल में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद भारतीय स्टूडेंट्स के लिए भविष्य के लिए बेहतर स्कोप भी बना रहता है।