भारत के जो स्टूडेंट्स चीन जाकर MBBS की पढ़ाई करते हैं, उन्हें बहुत से लाभ मिलते हैं। किसी भी व्यक्ति के लिए जिंदगी में सबसे महत्वपूर्ण चीज भोजन होता है। भारत में आपको लगभग हर कोने में चाइनीज फूड्स के स्टॉल दिख जाते हैं। इससे चीन की खाने-पीने की चीजों से भारतीय स्टूडेंट्स काफी हद तक फैमिलियर रहते हैं। हालांकि, चीन में जो मूल रूप से खाने-पीने की चीजें तैयार की जाती हैं और जब उन्हीं चीजों को भारत में तैयार किया जाता है, तो दोनों के स्वाद में थोड़ा-बहुत अंतर जरूर हो सकता है। हालांकि, यह अंतर ऐसा नहीं होता कि भारतीय स्टूडेंट्स चीन के खाने-पीने की चीजों को पसंद न करें। इस तरह से भारतीय स्टूडेंट्स के लिए चीन में एमबीबीएस करने के दौरान मिलने वाले लाभों में से एक सबसे महत्वपूर्ण लाभ भोजन के साथ उनका एडजेस्टमेंट होना भी है।
चीन के लोग भी काफी एडजेस्ट करने वाले होते हैं। साथ ही वे भारतीय स्टूडेंट्स का खुले दिल से स्वागत भी करते हैं। भारतीय लोगों से वहां के लोगों का व्यवहार थोड़ा-बहुत मिलता जुलता भी है। यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत और चीन दोनों ही कृषि प्रधान देश हैं और इन दोनों ही देशों के लोग बड़े ही मेहनती होते हैं।
कम फीस
भारत के बारे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यह एक प्राइस सेंसिटिव मार्केट है। चीन की मेडिकल यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई करने वाले भारतीय स्टूडेंट्स को इससे बड़ा लाभ मिलता है। चीन की मेडिकल यूनिवर्सिटीज में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के दौरान उन्हें न्यूनतम फीस देनी पड़ती है। चीन की मेडिकल यूनिवर्सिटीज की ओर से जो एमबीबीएस की शिक्षा दी जाती है, उसकी क्वालिटी भी बड़े ही ऊंचे स्तर की होती है। भारतीय स्टूडेंट्स के लिए चीन जाकर अपने डॉक्टर बनने के सपने को साकार करना इसलिए भी आसान है, क्योंकि चीन में MBBS का एजुकेशन बहुत हद तक भारत के निजी मेडिकल कॉलेजों की तुलना में अफोर्डेबल है। इसके लिए किसी अच्छे बैंक से लोन भी लिया जा सकता है। भारत सरकार की तरफ से भी कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ उठाते हुए जरूरतमंद स्टूडेंट्स एजुकेशन लोन ले सकते हैं। चीन की किसी भी मेडिकल यूनिवर्सिटीज से एमबीबीएस की पढ़ाई करने से मिलने वाले फायदों में से सस्ती फीस को भी सबसे बड़े फायदों में से एक के रूप में देखा जाता है।
हाई स्टैंडर्ड वाली शिक्षा
सभी स्टूडेंट्स को जो भी उपकरण और सुविधाएं यहां उपलब्ध होती हैं, ये सभी अंतरराष्ट्रीय स्तर की होती हैं। यहां पर सभी स्टूडेंट्स पर टीचर्स समान रूप से ध्यान देते हैं। वे इस तरीके से उनका मार्गदर्शन करते हैं कि उन्हें चीजें आसानी से समझ में आ सकें। चीन की मेडिकल यूनिवर्सिटीज में मौजूद लाइब्रेरी भी स्टूडेंट्स के लिए चौबीसों घंटे खुली रहती हैं। इसके अलावा यहां पर स्टूडेंट्स को यह भी आजादी मिली हुई है कि वे ज्यादा-से-ज्यादा प्रैक्टिकल एजुकेशन भी हासिल कर सकें। जो भी स्टूडेंट्स डॉक्टर बनने के लिए पढ़ाई कर रहे हैं, उनके लिए यह बहुत ही जरूरी है कि बेसिक इन्फ्राट्रक्चर में उन्हें हाई क्वालिटी की ट्रेनिंग मिल पाए। आज दुनिया रोबोटिक्स तकनीक की तरफ तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में यह बहुत ही जरूरी हो जाता है कि हमारी वर्तमान पीढ़ी बहुत ही अच्छी तरीके से इन चीजों को लेकर भी प्रशिक्षण हासिल कर ले।
अंतर्राष्ट्रीय माहौल
चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले भारतीय स्टूडेंट्स को एक बड़ा लाभ यह भी मिलता है कि इस देश में उन्हें अंतरराष्ट्रीय माहौल मिल पाता है। वह इसलिए कि चीन की मेडिकल यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में बड़ी संख्या में दुनिया भर से आए स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं। स्टूडेंट्स के साथ भारतीय स्टूडेंट्स को बातचीत करने का और उनकी चीजों को समझने का भी अवसर मिल पाता है। चीन की मेडिकल यूनिवर्सिटीज की तरफ से ऑफर की जाने वाली एमबीबीएस की शिक्षा पूरी दुनिया में काफी मशहूर है। यहां के मेडिकल प्रोग्राम्स की मांग दुनिया भर में है। ऐसे में यहां स्टूडेंट्स को अंतरराष्ट्रीय माहौल बहुत ही आसानी से मिल जाता है। यहां के फैकल्टीज को भी बिल्कुल अंतरराष्ट्रीय बैकग्राउंड को ध्यान में रखकर ही अरेंज किया गया है। यहां की मेडिकल इंडस्ट्री में स्कॉलर्स भरे पड़े हैं, जिनका मार्गदर्शन भारतीय स्टूडेंट्स को समय-समय पर मिलता रहता है।
प्रेरित करने वाली संस्कृति
भारतीय स्टूडेंट्स चीन में खुद को बहुत ही कंफर्टेबल और घर जैसा महसूस करते हैं, क्योंकि भारत और चीन के लोगों में काफी हद तक समानता देखने के लिए मिलती है। बाकी देशों के स्टूडेंट्स की तुलना में चीन के स्टूडेंट्स के साथ भारतीय स्टूडेंट्स का घुल-मिल जाना तुलनात्मक रूप से बहुत ही आसान हो जाता है। चीन के लोगों की यह खासियत भी है कि वे दुनिया के सबसे अच्छे खिलाड़ियों में से एक हैं। बहुत से इंटरनेशनल लेवल के टूर्नामेंट में वे हमेशा मेडल जीतते रहते हैं। भारतीय बाजार पर जब आप नजर डालते हैं तो यहां पर आपको ज्यादातर चीजें मेड इन चाइना वाली ही नजर आती हैं। इस तरह से भारतीय स्टूडेंट्स को भारत में ही चीन से जुड़ी बहुत सी चीजों की आदत हो जाती है। ऐसे में जब वे MBBS की पढ़ाई करने के लिए चीन जाते हैं, तो उन्हें खुद को वहां एडजेस्ट करने में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।