विदेश से एमबीबीएस करने से भारतीय स्टूडेंट्स को मिलने वाले लाभ
कोई डोनेशन या कैपिटेशन फी नहीं-----------------चीन, रुस, यूक्रेन आदि देशों में ज्यादातर मेडिकल कॉलेजों में किसी तरह की डोनेशन या कैपिटेशन फीस नहीं ली जाती है।
एडमिशन के लिए कोई प्रवेश परीक्षा नहीं-----------भारत की तरह विदेशों में एमबीबीएस में दाखिले के लिए किसी तरह की प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होती है।
रहने का न्यूनतम खर्च-------------विदेशी देशों में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे भारतीय स्टूडेंट्स को ज्यादा खर्च नहीं करने पड़ते हैं।
विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर--------------रुस, यूक्रेन, चीन और फिलीपींस जैसे देशों में मौजूद कैंपस में विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ आधुनिक तकनीकों से लैस अस्पताल भी मौजूद हैं।
अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोजर-----------------स्टूडेंट्स जब एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए विदेशों में जाते हैं, तो वहां पर उन्हें बाकी स्टूडेंट्स से भी घुलने-मिलने का मौका मिलता है।